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जादुई मां हिंदी कहानी || Bedtime Cartoon Moral Stories for Children-kids Hindi kahaniya

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hindi kahani :
जादई भा औय विशष की जीत
मह कहानी याज नाभ क एक फहत ही भासभ औय सभझदाय फच्चेकी ह मह फच्चा अनाथ औय दय
ऩहाड़िमों क फीच एक छोट सेखफसयत गाि भ यहा कयता था ,औय इसका नाभ था विशष.
उसकी भासमभमत औय उसकी सभझदायी क कायण गाि क सबी रोगों सेफहत प्माय कयत थ, औय
विशष को कबी बी खानेऩीनेकी कोई कभी ना होती थी, रककन कपय बी विशष अऩनेआऩ को फहत
अकरा भहसस ककमा कयता था ,एक फाय िह गाि भ ही यहनेिारी एक फढ़िमा क ऩास गमा जो रोगों
क अनसाय जाद सेउनकी ऩयशाननमों को ठीक ककमा कयती थी, विशष फढ़िमा सेफोरा: दादी तभ तो रोग
जो बी भागत हैंउन्ह िह द दती हो ,सफको ककतना प्माय कयती हो ,ककसी को बी उदास नहीॊदख
सकती ,भयी प्मायी दादी फस भयी तो एक छोटी सी ही ऩयशानी ह, क्मा तभ उसेठीक कय सकती हो.
: फढ़िमा फोरी :हाॊहाॊभय प्माय विशष फोरो ना तम्ह क्मा चाढहए भ ऐसा क्मा कर कक भया विशष हसने
रगेविशष दौ़ि कय आकय फढ़िमा की गोद भ फठ गमा औय फोरा :दादी भझेभाय चाढहए दखो ना सफ
रोग भझेखाना दत हैंभझेकऩ़ि दत हैंरककन कोई बी भझेभाॊकी तयह गरेसेरगाकय नही फराता
, जफ भझेदद होता ह मा भ दखी होता ह, तो कोई बी भझसेनहीॊऩछता दादी भाॊभझ ऩय दमा कयक
भझेभा द दो ना भ भाॊकी हय फात भना करगा दसय फच्चों की तयह भ अऩनी भाॊको कबी तग नहीॊ
करगा ऩय फस भझेभाॊद दो.
अफ फढ़िमा फहत सोच भ ऩ़ि गई,िह सोचनेरगी बरा अफ भ भाॊकहाॊसेराऊ रककन कपय बी विशष
को खश कयनेक मरए फढ़िमा नेकहा दखो विशष तम्ह भाॊचाढहए, फ़िी कढठन ऩयीऺा दनी होगी, फढ़िमा
नेभन ही भन सोचा की एक छोटा सा विशष इसको कछ ऐसी कढठन ऩयीऺा फता दगी इससेिह कय ही
ना ऩामगा औय भया नाभ बी यह जाएगा औय विशष का भन बी सतष्ट हो जाएगा इसमरए भ फोरी :
गाि क फाहय िह जो िन दिी का भढदय ह ना , योज यात भ सदी हो मा गभी तम्ह हाथ जो़िकय भाॊक
नाभ को ऩकायना होगा औय जफ तक भाॊनहीॊआ जाती तफ तक योजाना होगा औय यात सेशर होकय
सफह तक तभ फस भाॊभाॊभाॊकहत यहो अगय तभ मह प्रमास सच्चेभन सेकयोगेतो तम्हायी भाॊजरय
आ जाएगी औय अगय तम्हायी भाॊनहीॊआई तो तभ मह सभझ रना की तम्हाय प्रमास भ कोई छट्टी हई
ह औय कपय उसक फाद कबी भाॊक मरए जजद ना कयना.
मशयीष नेसहभनत भ सय ढहरा ढदमा औय यात होती िह 1 दिी क भढदय भ ऩहच गमा औय िह बफचाया
छोटा सा फच्चा जोय जोय सेभाॊभाॊभाॊफरानेरगा फरात फरात सफह हो गई औय विशष को घय
रौटना ऩ़िा इस तयह 10 ढदन फीत गए िन दिी क भढदय भ योज यात को प्रसाद च़िानेअभता नाभ की
ऩयी आमा कयती थी औय िह 10 ढदनों सेरगाताय विशष को इस तयह भा-भा फरात दख यही थी,ऩयी को
इस छोट सेफच्चेऩय फहत दमा आई औय 11 िेढदन जफ विशष िन दिी क भढदय भ कपय सेभा - भा
फरानेरगा दो ऩयी एक औयत क रऩ भ उसक ऩास आई औय फोरी: हाॊहो प्माय विशष आख खोरो
दखो भ तम्हायी भाॊतम्हाय ऩास आ गई फोरो भझेक्मों, फरा यह थ
विशष को विश्िास ही नहीॊहो यहा था कक उसकी भाॊउसक ऩास आ गई ह उसनेजोय सेऩयी को ऩक़ि
मरमा औय फोरा: भाॊभ तम्ह कबी तग नहीॊकरगा तभसेकछ बी नहीॊभागगा तभ जो कहोगी हय काभ
करगा जसा कहोगी िसा ही करगा ऩ़िाई बी कय रगा भाॊऩय भा भझेअफ छो़ि कय िाऩस भत जाना,
भ तम्हाय बफना नहीॊयहना चाहता औय अगय तम्ह जाना ही ह तो भझेबी अऩनेसाथ रेचरो भाॊभझे
अकरा छो़िकय भत जाना भाॊऔय ऩयी को उसनेजया सा बी नहीॊछो़िा.
ऩयी भाॊक मरए उसक भन भ इतना प्माय दख कय फोरी: दखो विशष भ तम्हाय घय तो नहीॊआ सकती
क्मोंकक एक फाय बगिान क ऩास जानेक फाद बगिान िाऩस घय जानेकी आऻा नहीॊदत रककन हाॊ
भय प्माय फट भ योज महाॊभढदय भ तम्हाया इतजाय करगी तभ योज भय ऩास आना भ तभसेढय सायी
फात करगी औय सफह त िाऩस घय चरेजाना
विशष ऩयी को अऩनी भाॊसभझ कय फहत खश था औय उसनेऩयी रऩी अऩनी भाॊकी मह फात भान री
अफ विशष फहत खश यहा कयता था, औय सफह जल्दी-जल्दी अऩनेकाभ ननऩटा कय यात होनेका इतजाय
कयता ह औय यात होत ही आयाभ सेअऩनी ऩरयभा क ऩास चरा जाता औय ऩयी भाॊसेढय सी फात
कयता .
एक फाय फढ़िमा नेविशष को अऩनेऩास फरामा औय कहा प्माय विशष भझेभाप कय दो भझेऩता ह
कक तभ योज भढदय जात होगेऔय भाॊको ऩकायत होग औय भाॊनहीॊआती होगी, विशष इसान की भत्म
हो जानेक फाद इसान को िाऩस धयती ऩय कोई नहीॊरा सकता ह फट इसमरए तभ भझेही अऩनी भाॊ
सभझो.
विशष हसकय फोरा: अय दादी तभ कसी फात कय यही हो भयी भाॊतो 11 ढदन ही भय ऩास आ गई थी
बगिान सेआऻा ना मभरनेक कायण िह घय तो नहीॊआती ऩय योज यात को भ औय भाॊिन दिी क
भढदय भ ढय सी फात कयत हैंभाॊभय मरए अच्छ अच्छ खानेकी चीज राती ह भझेऩ़िाती ह भझेतमाय
कयती ह औय कपय सफह होत होत भाॊचरी जाती ह भ फहत खश ह अगय आऩनेभझेमह उऩाम नहीॊ
फतामा होता तो भ अऩनी भाॊसेकबी नहीॊमभर ऩाता. औय विशष चरा गमा
इधय फ़िीमा क भन भ सिार उठनेरग कक आखखय ऐसा कसेहो सकता ह विशष की भाॊिाऩस कसे
आ सकती ह कहीॊकोई च़िर डामन विशष को फद्धूफना कय खानेकी कोमशश तो नहीॊकय यही ह भझे
जाकय दखना ही होगा कक आखखय विशष क ऩास कौन आता ह औय कपय यात होत ही फढ़िमा बी िन
दिी क भढदय भ जाकय छऩ गई,
यात को भढदय भ विशष आमा औय उसनेऩकाया भाॊऔय अचानक एक फहत ही सदय औयत विशष क
साभनेआ गई औय विशष को अऩनी गोद भ फठा कय फहत प्माय कयनेरगी उसनेविशष को तयह तयह
की कहाननमाॊसनाएॊविशष को तमाय कया औय कपय गोद भ फठाकय विशष को खाना खखरानेरगी थो़िी
दय क फाद िह चरी गई औय विशष बी िाऩस अऩनेघय चरा गमा रककन फढ़िमा फ़िी ऩयशान सेसोचने
रगी कक आखखय मह औयत कौन ह औय विशष्म क्मा चाहती ह इसमरए िहीॊख़िी होकय जो जोय से
फरानेरगी कौन हो तभ क्मों इस फच्चेसेभाॊफनकय मभरती हो क्मा चाहती हो तभ तम्हाय इस फच्चे
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