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Supreme court of india का चला डंडा।

Supreme court of india का चला डंडा। उन्नाव रेप केस के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लिया गया निर्णय ऐतिहासिक महत्व का है।
1 अगस्त बृहस्पतिवार को ठीक 10:00 बजे सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई अदालत में पहुंचते ही पूछा कि सीबीआई के जांच अधिकारी कहां है?
सॉलीसीटर जनरल द्वारा बताया गया कि वे जांच कार्य में व्यस्त हैं।
फिर चीफ जस्टिस ने कहा उनके बगैर सुनवाई कैसे पूरी होगी बुलाया जाए। हुजूर! उन्हें अभिलेख लेकर आने में शाम हो जाएगी ऐसे में कल की तिथि निर्धारित किया जाए।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा कि सुनवाई तो हम आज ही करेंगे सीबीआई के पास विमान होगा निदेशक विमान से लेकर जांच अधिकारी को कोर्ट के सामने प्रस्तुत करें।
12:00 बजे फिर सुनवाई शुरू होती है।
विशेष निदेशक मीणा मैडम पेश होती हैं उनसे चीफ जस्टिस ने सवाल किया जिससे वे संतुष्ट नहीं हुए।
उन्होंने कहा पीड़िता के वाहन को ट्रक से दुर्घटना कराने वाले मामले की जांच 7 दिन के अंदर पूरी की जाए जिस पर उन्होंने कहा कि हुजूर 1 महीने का समय दिया जाए चीफ जस्टिस ने दो टूक कहा 1 महीने का समय हम नहीं दे सकते 7 दिन बहुत है।
उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सीबीआई ने जो पांचों मामले दर्ज किया है उसकी सुनवाई दिल्ली में किया जाए जिससे 45 दिन में पूरा करना है।
यह सुनवाई तीस हजारी कोर्ट में प्रतिदिन की जाएगी साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह 2500000 रुपए क्षतिपूर्ति पीड़िता को प्रदान कराएं, साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा पर हमें विश्वास नहीं है लिहाजा सीआरपी के जवान सुरक्षा में लगाए जाएं।
यह सुरक्षा अधिवक्ता सहित पीड़ित परिवार से जुड़े हुए अन्य लोगों पर भी लागू होगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़िता का इलाज क्यों ना उत्तर प्रदेश से बाहर दिल्ली में कराया जाए जिस पर कहा गया यदि पीड़ित परिवार के लोग सहमत होंगे तो दिल्ली के एम्स में उनका इलाज कराया जाएगा।
अगली सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित की गई।
इस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कड़ा रुख एक ऐतिहासिक पक्ष के रूप में जाना जाएगा।
जिस प्रकार विधायक को बचाने का संपूर्णा प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है उसे योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई है।

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