प्राजक्ता कोली सद्गुरु से पूछती हैं, कि क्या उन्हें अपने जीवन में कभी अपने माता पिता को मनाना पड़ा था।
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एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी, सद्गुरु एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोडों लोगों को एक नई दिशा मिली है। दुनिया भर में लाखों लोगों को आनंद के मार्ग में दीक्षित किया गया है।
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प्रश्न - मेरा प्रश्न पृथ्वी तत्व के बारे में है। आपने बताया है कि मिट्टी में अपने हाथ डालने या खुद को कुछ समय जमीन के अन्दर गाड़ने से शरीर की सेहत सुधर सकती है। क्या आप इस बारे में ज्यादा जानकारी दे सकते हैं?
सद्गुरु – एक आदमी डॉक्टर के पास गया। और.. डॉक्टर बोला – “आप बस तीन हफ्ते ज़िंदा रहेंगे”। वो आदमी परेशान हो गया और बोला – “डॉक्टर, मैं क्या कर सकता हूँ?”
डॉक्टर बोला – “दिन में तीन बार मड-बाथ लो।”
आदमी बोला – “ओह, क्या इससे मुझे मदद मिलेगी? क्या मैं बच पाऊंगा? क्या ऐसा करने से मैं लंबा जीवन जी पाऊंगा?”
डॉक्टर बोला – “नहीं। बस यही है कि जब वे आपको दफनायेंगें, तो आपको बहुत बड़ा झटका नहीं लगेगा। क्योंकि आप पहले ही ऐसा कर चुके होंगे.. हर दिन.. तीन बार।”
तो...आम तौर पर.. धरती या मिट्टी को.. अमेरिका में लोग मिट्टी को धूल कहते हैं। यहाँ भी आप उसे धूल कहते हैं, या मिट्टी?
सद्गुरु – हम्म?
प्रतिभागी – मिट्टी
सद्गुरु – भारतीय लोग मिट्टी कहते हैं, बाकी लोग.. आप धूल कहते हैं या मिट्टी? बोलचाल की भाषा में। मिट्टी।
तो वहाँ इसे धूल कहते हैं। तो धूल... आप 12 प्रतिशत धूल हैं। ठीक है? म्म्म…. बस धूल हटानी है..क्योंकि आपकी भौतिकता की बुनियाद धरती से बनी है। पानी, हवा और अग्नि भी हैं, लेकिन आपकी भौतिकता का आधार उस धरती के कारण है, जो आपने ली है। तो ये आपकी बुनियादी भौतिकता है, और ये बस 12 प्रतिशत है। बस 12 प्रतिशत लेकिन ये आपकी भौतिकता का बुनियादी तत्व है। लेकिन यही आपका रास्ता रोक रहा है। पानी को आप आसानी से रूपांतरित कर सकते हैं। हवा आप आसानी से रूपांतरित कर सकते हैं। अग्नि में कुछ मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वाकई में ये रास्ता नहीं रोकती। ये अलग तरीके से काम करती है, इसका तरीका अलग है। ये धरती ही है, जो रास्ता रोकती है।
तो बस 12 प्रतिशत आपका रास्ता रोक रहा है। देखिए, कोई बड़ी रुकावट नहीं है। हम्म? आपके शरीर का बस 12 प्रतिशत हिस्सा ही आपकी मुक्ति का रास्ता रोक रहा है। मैं चाहता हूँ कि आप समझें, बस 12 प्रतिशत। आप पानी और हवा को रूपांतरित कर सकते हैं, आप अग्नि को भी रूपांतरित कर सकते हैं। वो आपको रोकती नहीं है, बल्कि वो रास्ता रौशन करती है।
बस आपके शरीर का.. 12 प्रतिशत है, जो रुकावट है। बस थोड़ी सी धूल को अपने रास्ते से हटाना है.. ये जटिल काम नहीं है। ये जटिल इसलिए है, क्योंकि आपने उस के रूप में अपनी पहचान बना ली है और आप उसी को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए ये जटिल है। देखिए, ये फूल कितना खूबसूरत और जीवंत है, लेकिन आपके लिए इस पौधे से काटकर उसे यहाँ लगाना मुश्किल काम नहीं था। है न?
आपकी छोटी ऊँगली क्या इस फूल जितनी सुंदर है? क्या ऐसा है? हाँ मत कहियेगा। नहीं। इसे काटकर यहाँ लगाइए मैं देखना चाहता हूँ। नहीं, क्योंकि आपने इसके रूप में अपनी पहचान बनाई है।
नहीं, बात सिर्फ दर्द की नहीं है। हम आपको एनेस्थेटिक दे सकते हैं। बात सिर्फ दर्द की नहीं है, दर्द आपकी सुरक्षा के लिए है। हम दर्द को कम कर सकते हैं, है न? हम आपको एनेस्थेटिक दे सकते हैं। क्या आप इस उंगली को काटकर यहाँ लगा सकते हैं? क्योंकि आपकी पहचान इसीके रूप में है। हाँ? इसीलिए ये आपका रास्ता रोकता है। वरना ये शरीर.. आपका रास्ता नहीं रोकेगा।
जो आपको ऊंचा उठाने वाली सीढ़ी है, वो फिलहाल रुकावट बन गई है। क्योंकि आप खुद की शरीर के रूप में पहचान बना ली हैं। तो एक तरीका है, भूत शुद्धि का मतलब है इसकी कमान अपने हाथों में लेना, ताकि आप इसे जैसा चाहें वैसा रूप दे सकें। ताकि ये वैसा काम करे जैसा आप चाहते हैं, पर साथ ही शरीर में बहुत ज्यादा क्षमता आ जाना, कुछ लोगों के लिए परेशानी भी हो सकती है, क्योंकि वे अपनी इस पहचान को और मज़बूत बना लेंगे।
क्योंकि ये इतना अद्भुत काम कर रहा है। उनकी ये पहचान ज्यादा गहरी हो जाएगी। तो भूत शुद्धि एक ख़ास संतुलन से होती है। एक विशेष महारत और एक ख़ास अलगाव। एक विशेष महारत और एक ख़ास अलगाव। सभी साधनायें इस तरह से कण्ट्रोल होती हैं।
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