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Desh Deshanter - पीठासीन अधिकारी - कार्य और चुनौतियां | Presiding Officer- Functions and Challenges

Desh Deshanter - पीठासीन अधिकारी - कार्य और चुनौतियां | Presiding Officer- Functions and Challenges आज देश देशांतर में बात करेंगे पीठासीन अधिकारी के कार्य और चुनौतियों की। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने आजादी के बाद देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने और शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए केंद्रीय स्तर पर जहां संसद की व्यवस्था की.. वहीं राज्यों में विधान सभा के गठन का प्रस्ताव भी किया। इसके साथ ही लोक सभा के संचालन और गरिमा बनाए रखने के लिए लोक सभा अध्यक्ष.. और राज्यों में विधान सभा अध्यक्ष के पद का प्रावधान भी किया गया। राज्यों में विधान सभा अध्यक्ष.. सदन की कार्यवाही और उसकी गतिविधियों के संचालन के लिए पूरी तरह जवाबदेह होता है। विधान सभा अध्यक्ष से उम्मीद की जाती है कि वो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के साथ तालमेल बना कर.. इस पद की गरिमा को बरकरार रखे। विधान सभा अध्यक्ष का निर्विरोध होना और उसका किसी भी दल के प्रति झुकाव नहीं होने वाला स्वरूप.. समाज की उस राजनीतिक जागरुकता का प्रतीक है.. जो लोकतंत्रीय व्यवस्था की प्रमुख आधारशिला है। इसी के मद्देनजर देहरादून में भी विधायी निकायों के स्पीकरों की कांफ्रेंस शुरू होने जा रही है..जिसमें स्पीकरों से जुड़े तमाम पहलुओं पर बात होगी...lतो आज बात होगी विधान सभा अध्यक्ष की...जानेंगे उनके अधिकार और शक्तियों के बारे में..साथ ही उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझने का प्रयास होगा.

Anchor: Ghanshyam Upadhyay
Producer: Sagheer Ahmad

Guest Name: V. K. Agnihotri, Former Secretary General, Rajya Sabha

Ashok Tandon, Senior Journalist

K. Rahman Khan, Former Deputy Chairman, Rajya Sabha

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